कोरोना
इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर एचआईवी से लड़ने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंटी-वायरल दवाओं का इस्तेमाल बढ़ते कोरोनावायरस खतरे के इलाज के लिए किया जा सकता है, तो यह निर्धारित करने के लिए और अधिक परीक्षण की आवश्यकता है.
चीन, थाईलैंड और जापान के डॉक्टरों का कहना है कि एचआईवी ड्रग का इस्तेमाल लोपिनावीर और रिटोनाविर (Lopinavir and ritonavir) का इस्तेमाल मरीजों के इलाज के लिए किया जा रहा है. वहीं अब भारत में भी इन दवाइयों का इस्तेमाल कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में किया जा सकता है.
यही नहीं अब भारत में भी कोरोना से निपटने के लिए इन दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को लोपिनाविर और रिटोनाविर के इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल की मंजूरी हासिल है. इन दोनों का इस्तेमाल एड्स के इलाज के लिए होता है. भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर ही इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा.
इन दो दवाइयों से हो रहा है कोरोना वायरस का इलाज, कई मरीज हो चुके हैं ठीक
Tuesday, March 17, 2020
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चीन से शुरु होकर दुनियाभर में हाहाकार मचाने वाली कोरोनावायरस का अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनाया जा सका है. इस कारण चीन में पूरी दुनिया में 6 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें 3 हजार से अधिक मौते चीन में दर्ज की गई हैं. इस वायरस का इलाज दुनियाभर में खोजा जा रहा है. इसी बीच यह एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. खबर के मुताबिक चीन कोरोना वायरस को रोकने के लिए एड्स की दवाओं का इस्तेमाल कर रहा है. यही नहीं कई लोगों का इस दवाई के प्रभाव से कई मरीज अब तक दुनियाभर में ठीक भी हो चुके हैं.
न्यूयॉर्क पोस्ट की एक खबर के मुताबिक चीनी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि कोरोना वायरस के इलाज (Coronavirus Medicine) के लिए एड्स की दवाईयों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चीन, थाईलैंड और जापान के डॉक्टरों का कहना है कि एचआईवी ड्रग का इस्तेमाल लोपिनावीर और रिटोनाविर (Lopinavir and ritonavir) का इस्तेमाल मरीजों के इलाज के लिए किया जा रहा है. वहीं अब भारत में भी इन दवाइयों का इस्तेमाल कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज में किया जा सकता है.
यही नहीं अब भारत में भी कोरोना से निपटने के लिए इन दवाइयों का इस्तेमाल किया जा सकता है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) को लोपिनाविर और रिटोनाविर के इस्तेमाल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल की मंजूरी हासिल है. इन दोनों का इस्तेमाल एड्स के इलाज के लिए होता है. भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने पर ही इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाएगा.
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