कोरोना
आज से शुरू होगा Coronavirus की वैक्सीन का ट्रायल, जानिए कब तक बाजार में आएगी दवाई
Tuesday, March 17, 2020
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अमेरिका में आज जानलेवा कोरोना वायरस की वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू होगा। ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है। अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की तरफ से ट्रायल की फंडिंग की जा रही है। वैक्सीन का ट्रायल सीएटल स्थित काइसर परमानेंट वॉशिंगटन हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में किया जाएगा। अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी एपी की दी है क्योंकि अभी तक इस बारे में कोई भी सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई है।
करना होगा डेढ़ साल का इंतजार
अमेरिका के हेल्थ ऑफिशियल्स का कहना है कि इस वैक्सीन को पूरी तरह से डेवलप होने में करीब 18 माह का समय लगेगा।
इस वैक्सीन का ट्रायल 45 युवा स्वस्थ वॉलेंटियर्स के साथ होगा। इन्हें अलग-अलग डोज दी जाएंगी जिसे एनआईएच और मॉडेरना इंक की तरफ से विकसित किया गया है। इस बात की आशंका जरा भी नहीं है कि जो वॉलेंटियर्स इस टेस्टिंग में आएंगे उन्हें डोज के शॉट्स से जरा भी संक्रमण होगा क्योंकि उनमें वायरस नहीं। इस वैक्सीन को डेवलप करने का मकसद इस बात को चेक करना है कि कोई साइड इफेक्ट्स तो नहीं हैं। दुनिया भर में इस समय कोविड-19 की वैकसीन को डेवलप करने का काम शुरू हो चुका है। कोरोना वायरस की वजह से अब तक दुनिया भर में 156,000 लोग संक्रमित हैं और 5800 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में ही अकेले 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि 49 अमेरिकी राज्यों में 3000 लोग संक्रमित हैं। यह बात भी सच है कि इस वायरस से संक्रमित कई लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। हेल्थ ऑफिशियल्स का कहना है कि इस बीमारी के हल्के लक्षण वाले मरीजों को ठीक होने में दो हफ्तों का समय लग सकता है। वहीं गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को ठीक होने में तीन से छह हफ्तों का समय लग जाता है।
अमेरिका के हेल्थ ऑफिशियल्स का कहना है कि इस वैक्सीन को पूरी तरह से डेवलप होने में करीब 18 माह का समय लगेगा।
इस वैक्सीन का ट्रायल 45 युवा स्वस्थ वॉलेंटियर्स के साथ होगा। इन्हें अलग-अलग डोज दी जाएंगी जिसे एनआईएच और मॉडेरना इंक की तरफ से विकसित किया गया है। इस बात की आशंका जरा भी नहीं है कि जो वॉलेंटियर्स इस टेस्टिंग में आएंगे उन्हें डोज के शॉट्स से जरा भी संक्रमण होगा क्योंकि उनमें वायरस नहीं। इस वैक्सीन को डेवलप करने का मकसद इस बात को चेक करना है कि कोई साइड इफेक्ट्स तो नहीं हैं। दुनिया भर में इस समय कोविड-19 की वैकसीन को डेवलप करने का काम शुरू हो चुका है। कोरोना वायरस की वजह से अब तक दुनिया भर में 156,000 लोग संक्रमित हैं और 5800 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में ही अकेले 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जबकि 49 अमेरिकी राज्यों में 3000 लोग संक्रमित हैं। यह बात भी सच है कि इस वायरस से संक्रमित कई लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। हेल्थ ऑफिशियल्स का कहना है कि इस बीमारी के हल्के लक्षण वाले मरीजों को ठीक होने में दो हफ्तों का समय लग सकता है। वहीं गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को ठीक होने में तीन से छह हफ्तों का समय लग जाता है।
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